बौद्ध संघ में प्रवेश से ‘ऋणी’ वंचित थे।
बौद्ध संघ में प्रवेश से अल्पवयस्क, चोर, हत्यारे, ऋणी, राजा के सेवक, दासी तथा रोगी वंचित थे।