कव्वाली एक प्रकार का सुगम संगीत है।
किसके शासनकाल में नेमत खाँ, सदारंग, अदारंग ने संगीत के विकास को पराकाष्ठा पर पहुंचा दिया था?
कृति एक प्रकार का कर्नाटक संगीत है।
खंजरी वाद्य यंत्र का प्रयोग ताल के सन्दर्भ में संगीत के लिए होता है।
ख्याल एक प्रकार का हिन्दुस्तानी संगीत है।
गजल एक प्रकार का सुगम संगीत है।
गीत एक प्रकार का सुगम संगीत है।
गीत किस प्रकार का संगीत है?
चिश्ती पंथ के लोग संगीत, योग तथा अद्वैतवाद के सिद्धान्त में विश्वास करते थे।
जावाली एक प्रकार का कर्नाटक संगीत है।
टप्पा एक प्रकार का हिन्दुस्तानी संगीत है।
ठुमरी एक प्रकार का हिन्दुस्तानी संगीत है।
ढप वाद्य यंत्र का प्रयोग ताल के सन्दर्भ में संगीत के लिए होता है।
ढोलक वाद्य यंत्र का प्रयोग ताल के सन्दर्भ में संगीत के लिए होता है।
तराना एक प्रकार का हिन्दुस्तानी संगीत है।
तार वाद्य यंत्र का प्रयोग ताल के सन्दर्भ में संगीत के लिए होता है।
तिल्लाना एक प्रकार का कर्नाटक संगीत है।
दादरा एक प्रकार का हिन्दुस्तानी संगीत है।
धमार एक प्रकार का हिन्दुस्तानी संगीत है।
ध्रुपद एक प्रकार का हिन्दुस्तानी संगीत है।
नक्कारा वाद्य यंत्र का प्रयोग ताल के सन्दर्भ में संगीत के लिए होता है।
पादम एक प्रकार का कर्नाटक संगीत है।
पॉप संगीत एक प्रकार का सुगम संगीत है।
भजन एक प्रकार का सुगम संगीत है।
भरतनाट्यम नृत्य शैली में कविता, संगीत, नृत्य एवं नाटक का अद्भुत समावेश होता है।
महेन्द्रवर्मन प्रथम ने प्रसिद्ध संगीतज्ञ रुद्राचार्य संगीत की शिक्षा ली थी।
मुगल काल में संगीत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण विकास 18वीं शताब्दी में हुआ था।
मुगल काल में संगीत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण विकास किस शताब्दी में हुआ था?
मृदंग वाद्य यंत्र का प्रयोग ताल के सन्दर्भ में संगीत के लिए होता है।
राणा कुम्भा संगीत का सर्वाधिक शौकीन था।
लय को लोक संगीत का प्राण कहा जाता है।
श्लोकम् एक प्रकार का कर्नाटक संगीत है।
संगीत और साहित्य की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती को माना जाता है।
संगीत की उत्पत्ति के संबंध में वीणा बजाने की कला को भगवान शिवजी ने देवी सरस्वती को दिया था।
संगीत के प्रातः कालीन प्रथम प्रहर का समय कब से कब तक होता है?
संगीत के प्रातः कालीन प्रथम प्रहर का समय सुबह 7 से 10 बजे तक होता है।
संगीत के समय चक्र के अनुसार दिन (24 घंटे) को कितने प्रहरों में बाँटा गया है?
संगीत के समय चक्र के अनुसार दिन को आठ प्रहरों में बाँटा गया है।
संगीत में दिन का तृतीय प्रहर का समय कब से कब तक होता है?
संगीत में दिन का तृतीय प्रहर का समय दोपहर 1 से सायं 4 बजे तक होता है।
संगीत में दिन का द्वितीय प्रहर का समय कब से कब तक होता है?
संगीत में दिन का द्वितीय प्रहर का समय सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक होता है।
संगीत में प्रातः कालीन संधि प्रकाश प्रहर का समय कब से कब तक होता है?
संगीत में प्रातः कालीन संधि प्रकाश प्रहर का समय प्रातः 4 से सुबह 7 बजे तक होता है।
संगीत में रात्रि का तृतीय प्रहर का समय कब से कब तक होता है?
संगीत में रात्रि का तृतीय प्रहर का समय रात्रि 1 से प्रातः 4 बजे तक होता है।
संगीत में रात्रि का द्वितीय प्रहर का समय कब से कब तक होता है?
संगीत में रात्रि का द्वितीय प्रहर का समय रात्रि 10 से रात्रि 1 बजे तक होता है।
संगीत में रात्रि का प्रथम प्रहर का समय कब से कब तक होता है?
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