सीमा शुल्क

मुगल काल में सीमा शुल्क (चुंगी) की दर कालान्तर में वस्तु के मूल्य का साढे़ तीन प्रतिशत हो गई थी।

मुगल काल में सीमा शुल्क (चुंगी) की दर वस्तु के मूल्य का ढाई प्रतिशत होती थी।

संगम युग में सीमाशुल्क, भूमि कर को छोड़कर शेष अतिरिक्त कर को इखै कहते थे।

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