महेन्द्रवर्मन प्रथम ने अप्पर के प्रभाव से शैव सन्त के प्रभाव से जैन-धर्म त्यागकर शैव मत ग्रहण कर लिया था।
महेन्द्रवर्मन प्रथम ने किस शैव सन्त के प्रभाव से जैन-धर्म त्यागकर शैव मत ग्रहण कर लिया था?