भारत में शकों की कितनी शाखायें थीं?
भारत में शकों की दो (क्षहरात एवं कार्द्धमक) शाखायें थीं।
भारत में शकों की शाखायें पश्चिमी भारत में केन्द्रित थी।
शकों को पराजित करने की स्मृति में विशेष चांदी के सिक्के चन्द्रगुप्त द्वितीय ने जारी किये थे।
शकों पर विजय के उपलक्ष्य में 58 ईसा पूर्व से एक नया संवत् प्रारम्भ हुआ, उसका नाम ‘विक्रम संवत्’ था।
शकों पर विजय के उपलक्ष्य में 58 ईसा पूर्व से एक नया संवत् प्रारम्भ हुआ, उसका नाम क्या था?