शिव

अशोक बौद्ध धर्म अपनाने से पहले शिव भगवान की पूजा करता था।

एलीफेंटा गुफा में त्रिमुर्ति शिव की सर्वाधिक आकर्षक प्रतिमा 18 फीट ऊँची है।

एलीफेंटा गुफा में त्रिमुर्ति शिव की सर्वाधिक आकर्षक प्रतिमा 23-24 फीट चौड़ी है।

गुप्तकाल में शिव की अर्द्धनारीश्वर रूप की मूर्तियां बनाई गई थी।

नयनार संत शिव के उपासक थे।

पाशुपत सम्प्रदाय के संस्थापक लकुलीश को शिव अवतार माना जाता था।

वासुदेव के शासनकाल में मुद्राओं पर शिव तथा नन्दी की आकृतियां उत्कीर्ण मिलती थी।

शिव की व्यापक स्तर पर पूजा लिंग के रूप में होती है।

शिव के 11 रुद्र अवतारों के नाम कपिल, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्त्र, अजपाद, अहिरबुधन्य, शम्भू, चांद एवं भाव हैं।

शिव के 11 रुद्र अवतारों के नाम कौन-कौन से हैं?

शिव के कितने रुद्र अवतार हैं?

शिव के ग्यारह रुद्र अवतार हैं।

शिव को शर्व, भव, पशुपति तथा भूपति अथर्ववेद में कहा गया है।

शैव धर्म में शिव का अभिप्राय मंगलमय होना है।

संगम युग में इन्द्र, मुरूगन, शिव, विष्णु, कृष्ण, बलराम को संयुक्त रूप से ‘देववृन्द’ कहा जाता था।

संगम युग में इन्द्र, मुरूगन, शिव, विष्णु, कृष्ण, बलराम को संयुक्त रूप से क्या कहा जाता था?

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