महायान सम्प्रदाय शून्यवाद (माध्यमिक) और विज्ञानवाद (योगाचार) दो भागों में बंटा था।
शून्यवाद का प्रतिपादक, वैज्ञानिक एवं प्रसिद्ध दार्शनिक नागार्जुन कनिष्क के दरबार में रहता था।
शून्यवाद के संस्थापक नागार्जुन गौतमी पुत्र शातकर्णि के समकालीन थे।
शून्यवाद के संस्थापक नागार्जुन थे।