विधान परिषद् की कुल सदस्य संख्या का 1/12 हिस्सा राज्य के विश्वविद्यालय के स्नातकों द्वारा चुना जाता है।
शैक्षिक बेरोजगारी में स्नातक तथा स्नातकोत्तर डिग्री वाले युवा नौकरियां प्राप्त नहीं कर पाते हैं।