जूनागढ़ अभिलेख में स्कन्दगुप्त को श्रीपरिक्षिप्तवृक्षा कहा गया है।
स्कन्दगुप्त को शक्रापम, देवराय एवं श्रीपरिक्षिप्तवृक्षा नामों से सम्बोधित किया जाता था।