जाट जाति का ‘अफलातून’ सूरजमल को कहा जाता था।
जाटों की शक्ति सूरजमल के समय में चरमोत्कर्ष पर थी।
लौहागढ़ के किले का निर्माण सूरजमल ने करवाया था।