बाल गंगाधर तिलक ने सर्वप्रथम स्वराज, स्वदेशी एवं बहिष्कार का नारा दिया था।
महात्मा गांधी जी ने असहयोग आंदोलन शुरू होने के एक वर्ष के भीतर ‘स्वराज’ प्राप्त करने का नारा दिया था।