खेड़ा का युद्ध शाहूजी महाराज एवं ताराबाई के मध्य लड़ा गया था।
राजाराम की पत्नी का नाम ताराबाई था।
शाहूजी महराज ने अपना उत्तराधिकारी ताराबाई के पौत्र राजाराम द्वितीय को नियुक्त किया था।