जैन तीर्थंकरों की जीवनी भद्रबाहु द्वारा रचित कल्पसूत्र पुस्तक में है।
जैन धर्मानुसार ज्ञान के तीन स्रोत प्रत्यक्ष, अनुमान एवं तीर्थंकरों के वचन हैं।