240 वोल्ट मुख्य AC से एक ट्रांसफॉर्मर का उपयोग 140 वाट, 24 वोल्ट लैम्प के उपयोग में लिया जाता है। मुख्य धारा का मान 0.7 A है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 83.3 प्रतिशत होगा।
240 वोल्ट मुख्य AC से एक ट्रांसफॉर्मर का उपयोग 140 वाट, 24 वोल्ट लैम्प के उपयोग में लिया जाता है। मुख्य धारा का मान 0.7 A है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता कितनी होगी?
Transformer – It is a device which raises or lowers the voltage in AC circuits through mutual induction. It works on the basic principle of mutual induction.
What is Transformer?
अधिक धारा पर कम प्रत्यावर्ती वोल्टेज को कम धारा पर अधिक प्रत्यावर्ती वोल्टेज में बदलने का कार्य ट्रांसफॉर्मर करता है।
अपचायी ट्रांसफॉर्मर उस ट्रांसफॉर्मर को कहते है जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से कम होती है।
अपचायी ट्रांसफॉर्मर के लिये परिणमन अनुपात का मान 1 से कम होता है।
अपचायी ट्रांसफॉर्मर के लिये परिणमन अनुपात का मान कितना होता है?
आदर्श ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 1 है।
उच्च प्रत्यावर्ती वोल्टता को निम्न वोल्टता में बदलने का कार्य अपचायी ट्रांसफॉर्मर का है।
उच्चायी ट्रांसफॉर्मर उस ट्रांसफॉर्मर को कहते जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से अधिक होती है।
उच्चायी ट्रांसफॉर्मर के लिये परिणमन अनुपात का मान 1 से अधिक होता है।
एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में धारा का मान 40 ऐम्पियर होगा।
एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में धारा का मान कितना होगा?
एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में विभवान्तर का मान 220 वोल्ट होगा।
एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में विभवान्तर का मान कितना होगा?
एक आयताकार क्रोड पर बने ट्रांसफॉर्मर के क्रोड की लम्बाई और चौड़ाई को दोगुना कर दिया जाता है तथा फेरों की संख्या को अपरिवर्तित रखा जाता है, तो उसकी प्राथमिक कुण्डली का स्वप्रेरक गुणांक 8 गुना हो जाता है।
एक आयताकार क्रोड पर बने ट्रांसफॉर्मर के क्रोड की लम्बाई और चौड़ाई को दोगुना कर दिया जाता है तथा फेरों की संख्या को अपरिवर्तित रखा जाता है, तो उसकी प्राथमिक कुण्डली का स्वप्रेरक गुणांक कितने गुना हो जाता है?
एक ट्रांसफॉर्मर का प्रयोग 220 V से 11 V घटाने में किया जाता है। प्राथमिक कुण्डली में 5 A धारा तथा द्वितीयक कुण्डली में 90 A धारा बहती है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 90 प्रतिशत होगी।
एक ट्रांसफॉर्मर का प्रयोग 220 V से 11 V घटाने में किया जाता है। प्राथमिक कुण्डली में 5 A धारा तथा द्वितीयक कुण्डली में 90 A धारा बहती है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता कितनी होगी?
ट्रांसफॉर्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धान्त पर आधारित है।
ट्रांसफॉर्मर एक उपकरण है जिसका उपयोग विद्युत ऊर्जा के विद्युत संचरण में किया जाता है। ट्रांसफॉर्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धान्त पर आधारित है। ट्रांसफॉर्मर मुख्यतः दो प्रकार के होते है।
ट्रांसफॉर्मर का कार्य अधिक धारा पर कम प्रत्यावर्ती वोल्टेज को कम धारा पर अधिक प्रत्यावर्ती वोल्टेज में बदलना है।
ट्रांसफॉर्मर का कार्य क्या है?
ट्रांसफॉर्मर किस सिद्धान्त पर आधारित है?
ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 1 अथवा 100% से कम होती है।
ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 1 से कम होती है।
ट्रांसफॉर्मर की दक्षता का सूत्र …
ट्रांसफॉर्मर की दक्षता कितनी होती है?
ट्रांसफॉर्मर की दक्षता क्या है?
ट्रांसफॉर्मर की दक्षता ज्ञात करने का सूत्र …
ट्रांसफॉर्मर की दक्षता ज्ञात करने का सूत्र क्या है?
ट्रांसफॉर्मर क्या है?
ट्रांसफॉर्मर क्या है?
ट्रांसफॉर्मर दो प्रकार के होते हैं।
ट्रांसफॉर्मर यह एक युक्ति है, जो प्रत्यावर्ती धारा को उच्च वोल्टता को निम्न वोल्टता में एवं निम्न वोल्टता को उच्च वोल्टता में बदलती है।
निम्न प्रत्यावर्ती वोल्टता को उच्च वोल्टता में बदलने का कार्य उच्चायी ट्रांसफॉर्मर का है।
वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से अधिक होती है, उसे उच्चायी ट्रांसफॉर्मर कहते है।
वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से अधिक होती है, उसे क्या कहते है?
वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से कम होती है, उसे अपचायी ट्रांसफॉर्मर कहते है।
वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से कम होती है, उसे क्या कहते है?
सही प्रत्यावर्ती विभव प्राप्त करने के लिए ट्रांसफॉर्मर का उपयोग किया जाता है।