कल्याणी के चालुक्य शासक तैलप द्वितीय ने अश्वमल और भुवनैकमल्ल की उपाधियां धारण की है।
कृष्णदेव राय ने आन्ध्रभोज, आन्ध्रपितामह तथा अभिनवभोज की उपाधि ग्रहण की थी।
कृष्णदेव राय ने कौन-कौन सी उपाधियां ग्रहण की थी?
क्षत्रप और महाक्षत्रप दोनों ही उपाधियां किसने धारण की थी?
क्षत्रप और महाक्षत्रप दोनों ही उपाधियां नहपान ने धारण की थी।
चालुक्य शासक सोमेश्वर तृतीय ने भूलोकमल्ल तथा त्रिभुवनमल्ल उपाधियां ग्रहण की थी।
नरसिंहवर्मन द्वितीय ने राजसिंह, शंकरभक्त तथा आगमप्रिय की उपाधियां धारण की थी।
नरसिंहवर्मन प्रथम ने वातापीकोण्ड एवं महामल्ल उपाधियां धारण की थी।
परमेश्वर वर्मन प्रथम ने रणंजय, लोकादित्य, अत्यन्तकाम, उग्रदण्ड, गुणभाजन एवं विद्याविनीत की उपाधियां धारण की थी।
पुलकेशिन द्वितीय ने ‘सत्याश्रय’ एवं ‘श्री पृथ्वी वल्लभ महाराज’ की उपाधियां धारण की थी।
महमूद गजनवी ने ‘यमीन-उद्दौला’ तथा ‘यमीन-उल-मिल्लाह’ की उपाधियां धारण की थी।
मुञ्ज ने कौन-कौन सी उपाधियां धारण की थी?
मुञ्ज ने श्री वल्लभ, पृथ्वी, वल्लभ एवं अमोघवर्ष की उपाधियां धारण की थी।
राजराज प्रथम ने काण्डलूर शालैकलमरूत तथा शिवपादशेखर की उपाधि धारण की थी।
सिन्धुराज ने कुमार नारायण एवं साहसांक की उपाधियां धारण की थी।