ऋग्वैदिक काल में 274 मिट्टी की मुहरें बसाढ़ (प्रारम्भिक वैशाली) स्थान से मिली हैं।
गृह-त्याग करने के बाद गौतम बुद्ध ने वैशाली से शिक्षा ग्रहण की थी।
गौतम बुद्ध का अंतिम वर्ष काल वैशाली में बीता था।
द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली में आयोजित की गई थी।
महाजनपद वज्जि की राजधानी वैशाली/विदेह/मिथिला थी।
शिशुनाग ने अपने राज्य की राजधानी वैशाली में बनाई थी।
शिशुनाग वंश की राजधानी वैशाली थी।