ईश्वर को प्राप्त करने के लिए भक्ति को सर्वाधिक महत्व वैष्णव धर्म में दिया गया है।
गुप्तकाल में वैष्णव एवं शैव धर्म के मध्य समन्वय स्थापित हुआ था।
तोमर वैष्णव धर्म के अनुयायी थे।
पुष्यभूति वंश का शासक हर्षवर्धन बौद्ध धर्म की महायान शाखा का समर्थक होने के साथ-साथ वैष्णव एवं शैव धर्म को भी मानता था।
रामानन्द सगुण वैष्णव सम्प्रदाय से सम्बन्धित थे।
वैष्णव धर्म गुप्त शासकों का व्यक्तिगत धर्म था।