आरंभिक वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था व्यवसाय पर आधारित थी।
उत्तरवैदिक काल में वर्ण, व्यवसाय की बजाय जन्म के आधार पर निर्धारित होते थे।
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के चरणों से किस वर्ण की उत्पत्ति हुई है?
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के चरणों से शूद्र वर्ण की उत्पत्ति हुई है।
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के जंघाओं से किस वर्ण की उत्पत्ति हुई है?
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के जंघाओं से वैश्य वर्ण की उत्पत्ति हुई है।
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के भुजाओं से किस वर्ण की उत्पत्ति हुई है?
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के भुजाओं से क्षत्रिय वर्ण की उत्पत्ति हुई है।
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के मुख से किस वर्ण की उत्पत्ति हुई है?
ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के मुख से ब्राह्मण की उत्पत्ति हुई है।
ऋग्वेद के 10वें मंडल में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, एवं शूद्र का उल्लेख है।
ऋग्वेद के 10वें मंडल में वर्णित पुरूषसूक्त चारों वर्ण किस भगवान के अंगो से उत्पन्न हुए है?
ऋग्वेद के 10वें मंडल में वर्णित पुरूषसूक्त चारों वर्ण भगवान (आदि पुरूष) ब्रह्मा के अंगो से उत्पन्न हुए है।
फिलीपीसियन लोगों ने वर्ण के आधार पर लिपि एवं लिखावट का विकास किया था।
हिन्दू धर्म के वर्ण कौन-कौन से हैं?
हिन्दू धर्म के वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र हैं।