आर्मीनिया वासियों ने टंकाकार लिपि एवं बीजाक्षर कला के स्थान पर अक्षरों का प्रयोग किया था।
प्राचीन चीनी सभ्यता के वासी ‘मंगोल जाति’ के थे।
सैंधव वासी मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे।