विधि व्यवसायी

अनुच्छेद-22 के तहत बिना कारण बताए किसी को निरूद्ध नहीं रखा जायेगा और न ही अपनी रूचि के विधि व्यवसायी से परामर्श लेने से वंचित रखा जायेगा।

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