भारत पर होने वाले यवन आक्रमण का उल्लेख कत्यायन की गार्गी-संहिता ग्रंथ में मिलता है।
सर्वप्रथम सिक्कों पर लेख लिखने का कार्य यवन शासकों ने किया था।