एन्यूरिन के स्त्रोत अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं मांस आदि है।
कीलोसिस रोग से बचने के लिए पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी पत्तियाँ, माँस एवं जिगर आदि का सेवन करना चाहिए।
खाद्य पदार्थों को विघटित करने वाले कवक म्यूकर, राइजोपस, यीस्ट, एस्परजिलस एवं पेनिसिलियम है।
खाद्य पदार्थों को विघटित करने वाले कवकों के नाम म्यूकर, राइजोपस, यीस्ट, एस्परजिलस एवं पेनिसिलियम है।
गुइलरमोण्ड के अनुसार यीस्ट में तीन प्रकार के जीवन चक्र पाये जाते है।
डर्मेटाइटिस रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
थायमीन की पूर्ती के लिए अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं माँस आदि का सेवन करना चाहिए।
थायमीन के स्त्रोत अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं मांस आदि है।
निकोटिनिक अम्ल का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
निकोटिनिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
नियासिन का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
पाइरीडॉक्सिन की पूर्ती के लिए दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि का सेवन करना चाहिए।
पाइरीडॉक्सिन के स्त्रोत दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि है।
पेलाग्रा रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
प्रतिदिन आवश्यक क्रोमियम का स्त्रोत यीस्ट, समुद्री भोजन, माँस एवं कुछ सब्जियाँ आदि है।
फोलासीन का स्त्रोत हरी पत्तीदार सब्जियाँ, यीस्ट, केला, दाल, फूलगोभी, माँस, मछली एवं अण्डा आदि है।
फोलिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
बायोटिन की पूर्ती के लिए माँस, गेहूँ, मूँगफली, चॉकलेट, सब्जी, फल, यीस्ट एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।
बेकरी में ब्रेड को मुलायम और लचीला बनाने के लिए यीस्ट का प्रयोग किया जाता है।
बेरी-बेरी रोग से बचने के लिए अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं माँस का सेवन करना चाहिए।
यीस्ट का उपजगत क्या है?
यीस्ट का उपजगत थैलोफाइटा है।
यीस्ट का कुल क्या है?
यीस्ट का कुल सैकेरोमाइसीटेसी है।
यीस्ट का गण एण्डोमाइसीटेल्स है।
यीस्ट का गण क्या है?
यीस्ट का जगत क्या है?
यीस्ट का जगत प्लान्टी है।
यीस्ट का प्रयोग किस रूप में किया जाता है?
यीस्ट का प्रयोग भोजन के रूप में किया जाता है।
यीस्ट का वर्ग एस्कोमाइसिटीज है।
यीस्ट का वर्ग क्या है?
यीस्ट का वर्गीकरण …
यीस्ट का वर्गीकरण क्या है?
यीस्ट का वंश क्या है?
यीस्ट का वंश सैकेरोमाइसीज है।
यीस्ट का संघ क्या है?
यीस्ट का संघ यूमाइकोफाइटा है।
यीस्ट किसमें पाया जाता है?
यीस्ट शर्करा युक्त कार्बनिक पदार्थों के रस में पाया जाता है।
राइबोफ्लेविन के स्त्रोत पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी सब्जियाँ, माँस एवं जिगर आदि है।
राइबोफ्लैविन की पूर्ती के लिए पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी पत्तियाँ, माँस एवं जिगर आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन-B1 …
विटामिन-B1 की पूर्ती के लिए अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं माँस आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन-B1 के स्त्रोत अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं मांस आदि है।
विटामिन-B2 के स्त्रोत पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी सब्जियाँ, माँस एवं जिगर आदि है।
विटामिन-B3 का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
विटामिन-B3 की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन-B6 की पूर्ती के लिए दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन-B6 के स्त्रोत दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि है।
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