Notes

तरंगाग्र का प्रत्येक बिन्दु प्रकाश से स्त्रोत की भांति व्यवहार करता है जिसे द्वितीयक तरंगिका कहते हैं।

तरंगाग्र का प्रत्येक बिन्दु प्रकाश से स्त्रोत की भांति व्यवहार करता है जिसे द्वितीयक तरंगिका कहते हैं।