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ऊष्मामिति का सिद्धांत …

ऊष्मामिति का सिद्धांत – विभिन्न तापमानों पर जब वस्तुओं को कैलोरीमीटर के भीतर आपस में मिश्रित किया जाता है तो उन वस्तुओं के बीच आपस में मिश्रित किया जाता है तो उन वस्तुओं के बीच आपस में ऊष्मा का विनिमय होता है। अपेक्षाकृत उच्च तापमान की वस्तुएँ ऊष्मा खो देती है जबकि निम्न तापमान की वस्तुएँ ऊष्मा ग्रहण करती है। यदि पास-पड़ोस में ऊष्मा का क्षय न हो तो अपेक्षाकृत अधिक तापमान वाली वस्तु द्वारा खोई ऊष्मा का मान अपेक्षाकृत कम तापमान वाली वस्तु द्वारा ग्रहण की गई ऊष्मा की मात्रा के बराबर होनी चाहिए।
ऊष्मा हानि = ऊष्मा लब्धि।