Notes

वैद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र E की बल रेखाओं के अभिलम्बवत् एक वैद्युत द्विध्रुव रखा गया है, तो उसे 180° के कोण से घुमाने के लिए किया गया कार्य शून्य होगा।

वैद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र E की बल रेखाओं के अभिलम्बवत् एक वैद्युत द्विध्रुव रखा गया है, तो उसे 180° के कोण से घुमाने के लिए किया गया कार्य शून्य होगा।