Notes
यदि एक प्रेरक का फ्लक्स दूसरे प्रेरक से सम्बद्ध हो जाये तब अन्योन्य प्रेरकत्व महत्वपूर्ण स्थान ले लेता है …
यदि एक प्रेरक का फ्लक्स दूसरे प्रेरक से सम्बद्ध हो जाये तब अन्योन्य प्रेरकत्व महत्वपूर्ण स्थान ले लेता है। इस स्थिति में श्रेणी क्रम में कुण्डलियों के युग्मों का तुल्य प्रेरकत्व L = L1 + L2 ± 2 M होगा।
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Hinglish Excerpt
Yadi ek prerak ka flux doosre prerak se sambaddh ho jaye tab anyonya prerakatva mahatvapurna sthan le leta hai …
Tags: तुल्य प्रेरकत्वप्रेरकप्रेरक का फ्लक्सप्रेरकत्वफ्लक्सयुग्मों का तुल्य प्रेरकत्व
Subjects: Physics